पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली है। इन अलगाववादी नेताओं में मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी बट शामिल हैं। इन पांचों अलगाववादी नेताओं को किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी।
#JammuAndKashmir administration withdraws security of all separatist leaders, including that of Mirwaiz Umar Farooq, Shabir Shah, Hashim Qureshi, Bilal Lone & Abdul Ghani Bhat.
— ANI (@ANI) February 17, 2019
- पुलवामा हमले के बाद शुक्रवार को कश्मीर के दौरे पर आए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान से और आईएसआई से पैसा वाले लोगों को दी गई सुरक्षा की समीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के कुछ तत्वों के आईएसआई और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं।
1993 में कश्मीर के कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस की नींव रखी थी। 2003 में हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस में टूट हो चुकी है, जब सैय्यद अली शाह गिलानी और मीरवाइज़ अलग हो गए थे।
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