प्रभाष जी आज होते तो चौरासी बरस के होते। देश की मौजूदा समस्याओं पर उनकी दृष्टि होती। ताकतवर राय होती। वे क्या लिखते यह लिखना मुश्किल है। क्यों कि संतों पर लिखना थोड़ा जोखिम भरा काम है, वजह संत के बारे में आप जितना जानते हैं, उससे कहीं ज्यादा उनके बारे में जानना बाकी रह जाता है। यह अशेष, एक किस्म का रहस्य पैदा करता है। उनका आभामंडल इतना विस्तृत होता है, जिसमें सारा संसार छोटा पड़ जाए। हम दुनियावी लोग उनके सामने सिर्फ श्रद्धा से सिर झुका सकते हैं।
प्रभाष जोशी जी के जन्मदिन पर...निर्भय निर्गुण, गुण रे गाऊँगा
- विचार
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- 15 Jul, 2022

प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक और जनसत्ता के संपादक रहे प्रभाष जोशी जी का शुक्रवार 15 जुलाई को जन्मदिन है। उनके साथ काम कर चुके, उनके नजदीक रह चुके लोग उन्हें अलग-अलग तरह से याद करते हैं। वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा भी प्रभाष जोशी जी के निकटवर्ती लोगों में थे। पढ़िए वो क्या कहते हैं प्रभाष जी के बारे में।