आम तौर पर सभी सरकारें अपनी योजनाओं और उपलब्धियों का बढ़-चढ़ कर ही प्रचार करती हैं। इसके लिए वे अख़बारों और टेलीविजन का सहारा भी लेती हैं और पोस्टर तथा होर्डिंग्स के माध्यम से भी प्रचार करती हैं। कोई भी सरकार इस मामले में अपवाद नहीं होती।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की योजनाओं और कथित उपलब्धियों का प्रचार ऐसे कर रहे हैं, मानो उन्हें अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा का नहीं बल्कि देश का चुनाव लड़ना है।
मौजूदा केंद्र सरकार ने तो इस मामले में अपनी सभी पूर्ववर्ती सरकारों को पीछे छोड़ ही रखा है, जबकि राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें तो केंद्र से भी कई क़दम आगे निकल गई हैं। वे अपनी योजनाओं और कथित उपलब्धियों का प्रचार सिर्फ़ अपने सूबे में ही नहीं बल्कि देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी कर रही हैं।
यह स्थिति तब है जब ये सभी सरकारें गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही हैं, भारी-भरकम कर्ज के बोझ से दबी हुई हैं और अपने खजाने को भरने के लिए जनता पर आए दिन पुराने करों की दरें बढ़ा रही हैं और नए-नए करों का बोझ लाद रही हैं।