जयप्रकाश नारायण यानी जेपी और डॉ. राममनोहर लोहिया। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दो अप्रतिम नायक और आज़ादी के बाद भारतीय समाजवादी आंदोलन के महानायक। लोहिया ने अपने विशिष्ट चिंतन से समाजवादी आंदोलन के भारतीय स्वरूप को गढ़ा और हर क़िस्म के सामाजिक-राजनीतिक अन्याय के ख़िलाफ़ अलख जगाया, तो राजनीति से मोहभंग के शिकार होकर सर्वोदयी हो चुके जेपी ने वक़्त की पुकार सुनकर राजनीति में वापसी करते हुए भ्रष्टाचार और तानाशाही के ख़िलाफ़ देशव्यापी संघर्ष को नेतृत्व प्रदान कर लोकतंत्र को बहाल कराया।