प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद जयंती पर मंगलवार को राष्ट्रीय युवा संसद समारोह को संबोधित करते हुए एक कहा कि स्वामी जी का प्रभाव बरक़रार है। मोदी ने कहा, "समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं। स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। यह उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।"

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले बंगाली अस्मिता के प्रतीक स्वामी विवेकानंद को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद किया। लेकिन सवाल यह है कि क्या उनकी पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़ी दूसरी संस्थाएं स्वामी के सिद्धान्तों पर चलती हैं?