एक ताज़ा अध्ययन के अनुसार देश का हर तीसरा पुलिसकर्मी यह मानता है कि गाय के तस्करी, गोवध या गौमांस के मुद्दे पर इनमें लिप्त होने के शक में जिन लोगों को सरेआम तथाकथित ‘गौरक्षकों’ द्वारा पीट-पीट कर मार दिया जाता है वह न्यायोचित है। यह अध्ययन एक मकबूल संस्था सीएसडीएस यानी सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ़ डेवेलपिंग सोसाइटीज़ ने एक स्वयंसेवी संस्था कॉमन कॉज़ के साथ मिलकर की है। ‘देश में पुलिसकर्मियों की मनोदशा’ शीर्षक वाला यह अध्ययन देश भर के 21 राज्यों में 12000 पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के 11000 सदस्यों से बातचीत के निष्कर्षों पर आधारित है।
गाय की पवित्रता सदियों से, गो रक्षा के नाम पर हत्या नयी बात!
- विचार
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- 3 Sep, 2019

गो हत्या और गो मांस का सेवन किस काल-खंड में होता रहा है या नहीं होता रहा है, और अब इसके प्रति किस धर्मावलम्बियों की क्या भावना है और क्या इसका अन्य धर्मों के लोगों को आदर करना चाहिए, इस पर एक नया विवाद छिड़ गया है।