दो मुस्लिम युवकी की हत्या के मुख्य आरोपी मोनू मानेसर को लेकर हिन्दू संगठन जुलूस निकाल रहे हैं। उसके बारे में जानकारियां सामने आ रही हैं, उससे गोरक्षा का खूंखार चेहरा सामने आ रहा है। मुसलमानों को विद्वेष की राजनीति के नाम पर कब तक इस तरह शिकार बनाया जाता रहेगा।
मेवात में गौरक्षा के नाम पर रविवार को आयोजित महापंचायत में सरकारी शर्तें टूट गईं। लोग तलवारें और बंदूके लेकर पहुंचे। समुदाय विशेष को मंच से धमकियां दी गईं।
गो हत्या और गो मांस का सेवन किस काल-खंड में होता रहा है या नहीं होता रहा है, क्या इसे अन्य धर्मों के लोगों को आदर करना चाहिए? इस पर एक नया विवाद क्यों छिड़ गया है?