समाजवादी चिंतक राजीव हेमकेशव की याद में लखनऊ के नेहरू युवा केन्द्र में ‘राजीव की याद में हम रहेंगे साथ में’ कार्यक्रम हुआ। जेपी आंदोलन में सक्रिय राजीव हेमकेशव का 5 अक्टूबर 2024 को लखनऊ में निधन हो गया था।
राजीव हेमकेशव के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस दौरान कई भावुक क्षण आए जब लोगों के आंखों में आसूं आ गए। राजीव हेमकेशव की बहन डॉ. अर्चना और बहनोई डॉ. अमिताभ ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि राजीव की याद में देशभर से जुटे लोगों को देखकर एहसास हुआ कि वह व्यक्तित्व के कितने बड़े धनी थे।
राजीव के मित्र अमिताभ ने कहा कि 80 के दशक में विश्वविद्यालय में उनसे मुलाकात हुई थी। वरिष्ठ पत्रकार अम्बरीश कुमार ने कहा कि जब वे 1978 में छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे थे तब पहली बार राजीव से उनकी मुलाकात हुई थी। छात्र युवा संघर्ष वाहिनी और देशभर में चल रहे आंदोलनों से न सिर्फ उन्होंने जोड़ा बल्कि पूरे देश में भी घुमाया। युवा भारत का मुझे संयोजक भी बनाया। मानुषी जैसे संगठन का निर्माण भी उन्होंने किया। किशन पटनायक जैसे बड़े समाजवादी नेताओं से मुलाकात कराकर मेरे दृष्टिकोण को व्यापक बनाया।
वरिष्ठ पत्रकार हरजिंदर सिंह ने कहा कि हमारे विचारों को राजीव ने धार दी थी। विश्वविद्यालय के दौर में हम चिंतन बिंदु नाम की पत्रिका निकालते थे और राजीव व उनके साथी अंकुर नाम की पत्रिका निकालते थे। एक बार हुआ कि सभी मिलकर एक ही पत्रिका निकालें, ऐसा हो नहीं सका पर हमलोग साथ साथ रहे।
समाजवादी चिंतक विजय प्रताप ने कहा कि राजीव अपने नैतिक मापदंडों पर अपनी जमीन पर खड़े रहे। गैर बराबरी को मिटाने के लिए अपने नाम के पीछे से जाति हटाई। इन अभियानों में राजीव की अग्रिणी भूमिका रही।
डॉ. राकेश रफीक ने कहा कि जेपी के संपूर्ण क्रांति के स्वप्न को जिसने जीवन भर नहीं छोड़ा उसका नाम राजीव है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता भक्तचरण दास ने युवा संघर्ष वाहिनी से लेकर उनके राजनैतिक जीवन में राजीव का क्या महत्व है इस पर विस्तार से अपनी बात रखी। देश की युवा नीति बनाने को लेकर उन्होंने सैकड़ों यूनिवर्सिटी में राजीव के सहयोग से संवाद किया। वाहिनी के नज़रिए व राजीव के नज़रिए से देश बेहतर दिशा में जाएगा। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जब मुझे मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना था तो मैंने राजीव से सलाह ली और देश की धरोहर के सवाल पर इस्तीफ़ा दिया। जो इस्तीफ़ा पत्र था उसे राजीव ने ड्राफ्ट किया था।
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