आज 7:30 बजे प्रातः मैत्री आश्रम लखनऊ के साथी डॉ. सत्यव्रत सिंह ने दुखद समचार दिया कि राजीव जी हम लोगों के बीच नहीं रहे। तभी से उनसे जुड़ी यादों के चित्रों का कोलाज बार-बार आँखों के सामने तैर रहा है। कल 4 अक्टूबर आधी रात को आलोक सिंह से बात से ही अंदाजा हो गया था कि अब -राजीव…।