नहीं याद आता कि उनसे पहली बार कब मिला था पर यह ज़रूर कह सकता हूं कि पहली भेंट में ही उन्होंने दिल जीत लिया था। एकदम बड़े भाई या स्नेह से भरे अभिभावक जैसा बरताव। निश्छल और आत्मीयता से भरपूर। आजकल ऐसा बरताव तो देखने को भी नहीं मिलता।