कमाल ख़ान का न रहना हम सब के लिए सचमुच स्तब्धकारी और अविश्वसनीय है। अभी कल रात तक वह एनडीटीवी पर मुस्तैदी के साथ ख़बर कर रहे थे। हम लखनऊ वालों के लिए यह विशेष रूप से दुख की घड़ी है। उनके साथ मेरे मैत्रीपूर्ण संबंधों का लंबा सिलसिला है। उनसे मेरा परिचय पत्रकारिता में उनके आने से पहले का है।