विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा संविधान को मुद्दा बनाए जाने के बीच सत्ता पक्ष की ओर से आपातकाल को फिर से जोर-शोर से मुद्दा बनाया जा रहा है। आख़िर इस पर अब इतना जोर क्यों?
महान साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेमचंद को स्त्री विरोधी साबित करने की कोशिश करने वाले लोग कौन हैं? आख़िर उनके नाम से एक अपुष्ट ख़त को क्यों जारी किया गया है?
साहित्यकार वीरेंद्र यादव के इस पोस्ट पर विवाद हो गया है कि कौन सा आधुनिकता बोध आज प्रासंगिक है प्रेमचंद का या निर्मल वर्मा का? आख़िर निर्मल वर्मा पर उस पोस्ट से कुछ लोगों की भावनाएँ आहत क्यों हो गईं।