जासूसी पत्रकारिता की तर्ज पर प्रेमचंद का एक निजी पत्र उन्हें स्त्री विरोधी सिद्ध करने के किए जारी किया गया है। पत्र को प्रामाणिक सिद्ध करने के लिए यह सूचना भी दी गई है कि यह पत्र अमृत राय द्वारा संपादित 'चिट्ठी पत्री ' संकलन में शामिल है। लेकिन तथ्य यह है कि अमृत राय द्वारा संपादित 'चिट्ठी पत्री' के दो खण्डों में से यह किसी में शामिल नहीं है। पत्र जारीकर्ता को इस तथ्य का खुलासा करना चाहिए की 'चिट्ठी पत्री' के किस खंड के किस पृष्ठ पर यह पत्र उपलब्ध है?
दरअसल, इस पत्र का उद्गम ही संदिग्ध इसलिए है कि जारी करने के पहले इसके स्रोत की पुष्टि नहीं की गई है। सच यह है कि इस पत्र के स्रोत का उद्घाटन होते ही इस पत्र की चर्चा के उद्देश्य का खुलासा हो जाएगा। यह पत्र व्यक्तिगत है, इसलिए अमृत राय के संकलन में यह नहीं है। पत्र पर बाक़ी चर्चा तब तक के लिए स्थगित रखता हूँ, जब तक पत्र जारीकर्ता द्वारा स्वयं इसका खुलासा न कर दिया जाए।
प्रेमचंद की छवि धूमिल करने की कोशिश?
- विचार
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- 1 Aug, 2022

महान साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेमचंद को स्त्री विरोधी साबित करने की कोशिश करने वाले लोग कौन हैं? आख़िर उनके नाम से एक अपुष्ट ख़त को क्यों जारी किया गया है?