रामगढ़ (नैनीताल)। रामगढ़ डायलॉग के दूसरे दिन (रविवार को) के पहले सत्र के दौरान साहित्य में हाशिया विषय पर गंभीर चर्चा हुई। इस दौरान वरिष्ठ साहित्यकार असगर वजाहत, ममता कालिया, रणेंद्र और अजय नावरिया ने अपने विचार रखे।
रामगढ़ डायलॉग- मैं लेखिका नहीं लेखक हूं: ममता कालिया
- साहित्य
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- 4 Oct, 2021
वरिष्ठ साहित्यकार असगर वजाहत ने कहा कि हाशिये या कमजोर वर्ग के रचनाकार का लेखन बुनियादी सवाल उठाता है। ये सवाल सत्ता को पसंद नहीं है।

परिचर्चा का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी विभूति नारायण राय ने किया।
वरिष्ठ साहित्यकार असगर वजाहत ने कहा कि हाशिये या कमजोर वर्ग के रचनाकार का लेखन बुनियादी सवाल उठाता है। ये सवाल सत्ता को पसंद नहीं है। जैसे आदिवासी अगर जल-जंगल-जमीन के सवाल उठा रहे हैं, उसे सत्ता पसंद नहीं करेगी। आज देश के सामने जो बड़े सवाल हैं, वह इन्हीं विमर्शों से सामने आ रहे हैं, जिनकी उपेक्षा की जा रही है। हाशिये के लेखन को प्रमाणित और सिद्ध करने के लिए अधिक श्रम करना पड़ता है।