आधुनिक समय का बीज शब्द सुख या दुख नहीं, विडंबना है। हम सब तमाम तरह की विडंबनाओं में जीने को अभिशप्त हैं। जो रचना इन विडंबनाओं को अच्छे ढंग से पकड़ती है, वह बड़ी होती है। प्रेमचंद की कहानी 'कफ़न' इसलिए बड़ी है कि वह सुख-दुख की नहीं, विडंबना की कहानी है।