दूसरे विद्यार्थियों की तरह मैं भी प्रेमचंद को बचपन से पढ़ रहा हूं. उनकी एक एक कहानी कई कई बार पढ़ी है और उनका पढ़ना आज भी जारी है जब इस वक्त कहानी 'नशा' मेरे हाथ में है!