हिंदी की जानी-मानी लेखिका गीतांजलि श्री के द्वारा लिखे गए उपन्यास के अंग्रेजी अनुवाद ‘टूम ऑव सैंड’ को बुकर पुरस्कार से नवाजा गया है। मूल रूप से यह उपन्यास हिंदी में ‘रेत समाधि’ के शीर्षक से लिखा गया है। यह किसी भारतीय भाषा में पहला उपन्यास है जिसे इतना बड़ा और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
इसका अंग्रेजी में अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है।
पुरस्कार मिलने के बाद गीतांजलि श्री ने कहा कि उन्होंने कभी बुकर पुरस्कार मिलने के बारे में सोचा नहीं था, यह अद्भुत है और वह बेहद सम्मानित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लेखन अपने आप में एक इनाम जैसा है लेकिन बुकर पुरस्कार मिलना एक विशेष स्वीकृति की तरह है।
‘टूम ऑव सैंड’ बुकर पुरस्कार पाने वाले उन 13 उपन्यासों की सूची में शामिल था जिनका 11 अलग-अलग भाषाओं से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। इस पुरस्कार के सम्मान स्वरूप गीतांजलि श्री को 50000 ब्रिटिश पाउंड्स की राशि दी जाएगी जो किताब के लेखक और अनुवादक के बीच बराबर बांटी जाएगी।
We are delighted to announce that the winner of the #2022InternationalBooker Prize is ‘Tomb of Sand’ by Geetanjali Shree, translated from Hindi to English by @shreedaisy and published by @tiltedaxispress@Terribleman @JeremyTiang @mervatim @VascoDaGappah @VivGroskop pic.twitter.com/TqUTew0Aem
— The Booker Prizes (@TheBookerPrizes) May 26, 2022
क्या है ‘रेत समाधि’ की कहानी?
‘रेत समाधि’ में 80 साल की एक बूढ़ी महिला की कहानी है जो अपने पति की मौत के बाद भयंकर अवसाद से गुजर रही होती है। लेकिन अचानक वह इस अवसाद से बाहर आती है और पाकिस्तान जाने का फैसला करती है जिस जगह को उसने विभाजन के दौरान छोड़ दिया था।
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