प्रेमचंद के कैनवस के फटे जूते पर निगाह मुक्तिबोध की गई और उनके मित्र हरिशंकर परसाई की भी। जो फ़ोटो मुक्तिबोध ने देखी थी, वह प्रसाद के साथ थी। परसाईजी दूसरा फ़ोटो देख रहे हैं,