प्रेमचंद 140 के हुए। नहीं, यह कहना पूरी तरह सही न होगा। प्रेमचंद तो कुल जमा 110 के हुआ चाहते हैं। इनकी पैदाइश 1910 की है। उसके पहले  का अवतार था नवाब राय। उनके नाम से छपा 5 कहानियों का संकलन 'सोजेवतन' गले की फाँस बन गया था। उसकी कहानियों में 'सेडिशन' की बू पाई गई थी। सरकारी मुलाजिम धनपत राय श्रीवास्तव ने अड़ने और बेजा बहादुरी दिखलाने से बेहतर समझा दब जाना। किताब की कुछ प्रतियाँ कलक्टर के सामने अग्नि देवता को समर्पित कीं।