'राष्ट्रीयता वर्तमान युग का कोढ़ है, उसी तरह जैसे मध्य-कालीन युग का कोढ़ साम्प्रदायिकता थी। नतीजा दोनों का एक है।'
प्रेमचंद 140 : 15वीं कड़ी : प्रेमचंद नए समाज के गठन में बाधा संपत्ति को ही मानते हैं
- साहित्य
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- 15 Aug, 2020

पूँजीवाद को ख़त्म होना चाहिए सिर्फ श्रमिकों की मुक्ति के लिए नहीं, बल्कि इसलिए भी कि वह पूँजीपतियों को भी एक अमानवीय स्थिति की बाध्यता से मुक्त करता है। प्रेमचंद कुछ-कुछ मार्क्स और गांधी की तरह पूँजीपतियों को एक नई ज़िंदगी का न्योता देते हैं।