कहानी या आख्यायिका आधुनिक साहित्यिक रूप है। उसकी प्रेरणा पश्चिम से मिली है। यह स्वीकार करने में प्रेमचंद को कोई हिचक नहीं है। लेकिन जो प्रेमचंद ऐसी कहानी लिखने बैठते हैं मानो उन्होंने पुराण, दास्तान, मसनवी सबकुछ घोंट रखा है।