कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड में अपने भाई राहुल गांधी के मुकाबले ज्यादा वोट हासिल कर जीत दर्ज की। संसदीय उपचुनाव में प्रियंका को 6 लाख 22 हजार 338 वोट मिले। प्रियंका ने 4 लाख 10 हजार 931 वोटों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी को हराया। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने इस सीट पर 3.65 लाख वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी।
वायनाड उपचुनाव की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि 2019 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी ने अप्रैल 2024 के चुनावों में रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़े थे। उन्होंने दोनों सीटें जीतने के बाद उत्तर प्रदेश के रायबरेली को बरकरार रखने के लिए वायनाड सीट को खाली कर दिया था।
राहुल गांधी के रायबरेली चले जाने के बाद खाली हुई इस वायनाड सीट को भरने के लिए उपचुनाव हुआ। राहुल गांधी ने इस साल हुए लोकसभा चुनावों में 3.65 लाख से अधिक मतों के अंतर से सीट जीती थी, जो 2019 में उन्हें मिले 4 लाख से अधिक मतों के अंतर से कम है।
वायनाड से चुनावी शुरुआत कर रहीं प्रियंका गांधी ने 6 लाख 22 हज़ार से अधिक वोट पाए हैं। सीपीआई के दिग्गज सत्यन मोकेरी को लगभग 2 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं और वह दूसरे स्थान रहीं। जबकि भाजपा की नव्या हरिदास एक लाख से ज्यादा वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर हैं। वायनाड से प्रियंका गांधी समेत कुल 16 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे।
राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी पिछले एक महीने से प्रियंका गांधी के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे थे, उन्होंने 5 लाख से अधिक वोटों की जीत के अंतर का लक्ष्य रखा था।
अधिक से अधिक जन समर्थन जुटाने की कोशिश करते हुए राहुल गांधी ने अपनी बहन को वायनाड को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल बनाने की चुनौती दी। उन्होंने कहा था, 'जब लोग केरल के बारे में सोचते हैं, तो पहला गंतव्य वायनाड होना चाहिए। इससे वायनाड के लोगों और इसकी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और दुनिया को इसकी खूबसूरती का पता चलेगा।' अपनी बहन के लिए प्रचार करते हुए राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वह वायनाड के लोगों के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगी।
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