loader

वायनाड में जिन्दगी बचाने का काम जारी, अब तक 156 मरे, क्यों हुआ यह हादसा

वायनाड में मेप्पडी के पास पहाड़ी इलाकों में भारी भूस्खलन के बाद मरने वालों की तादाद 158 तक पहुंच गई है। 200 से अधिक घायल हो गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 180 से अधिक लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है, जिन्हें लापता कहा जा रहा है। कई राहत एजेंसियां ​​और सेना अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए प्रयास कर रही है।

भारी बारिश के बीच मंगलवार को चार घंटे के अंतराल में वायनाड में तीन भूस्खलन हुए, जिससे मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में तबाही मच गई। चालियार नदी में कई लोग बह गये। वायनाड में, 45 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 3,069 लोग रह रहे हैं। सोशल मीडिया पर आए वीडियो में जिले में जगह-जगह उखड़े हुए पेड़ और क्षतिग्रस्त घर दिखाई दे रहे हैं। यह इलाका अपने चाय बागानों के लिए जाना जाता है।

ताजा ख़बरें

नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, जो बुधवार को वायनाड जाने वाले थे, ने अधिकारियों द्वारा सूचित किए जाने के बाद अपनी योजना रद्द कर दी कि लगातार बारिश के कारण उनका विमान उतर नहीं पाएगा।मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में वायनाड और कई अन्य जिलों में और बारिश की भविष्यवाणी की है। इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केरल सरकार को 5 करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं ने वायनाड में हाल ही में हुए भूस्खलन से प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने कहा, "हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इस दुखद घटना से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं।"

वायनाड में भूस्खलन क्यों हुआ

भारी बारिश, नाजुक पारिस्थितिकी (ईकॉलजी), लगातार बढ़ती आबादी को वायनाड जिले में कई भूस्खलन की वजह माना जा रहा है। हाल के वर्षों में राज्य में सबसे खराब आपदाओं में से एक मंगलार की घटना को माना जा रहा है। . विशेषज्ञों ने कहा कि राज्य में 2018 की बाढ़ की यादें ताजा कर दीं, जो अत्यधिक बारिश के कारण हुई थी, जिसमें लगभग 500 लोग मारे गए थे।

मॉनसून के मौसम के दौरान भारी बारिश के कारण लगभग हर साल केरल में भूस्खलन होता है। संपूर्ण पश्चिमी केरल, जो तीव्र ढलानों वाला एक पहाड़ी इलाका है, भूस्खलन के लिए संवेदनशील क्षेत्र है। 2018 की बाढ़ के दौरान और उसके बाद वायनाड में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुए। जिले में 2019 में कुछ छोटे भूस्खलन भी देखे गए। केरल विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के सहायक प्रोफेसर के एस. सजिन कुमार ने कहा, "लेकिन यह संभवतः राज्य में अब तक की सबसे भीषण भूस्खलन संबंधी आपदा है।"

विशेषज्ञ साजिन कुमार ने कहा- “यहां के इलाके में दो विशिष्ट परतें हैं, कठोर चट्टानें और उनके ऊपर मिट्टी की एक परत। जब बहुत अधिक बारिश होती है, तो मिट्टी नमी से घुल जाती है और पानी चट्टानों तक पहुँच जाता है और मिट्टी और चट्टान की परतों के बीच बहता है। इससे वह बल कमजोर हो जाता है जो मिट्टी को चट्टानों से बांधे रखता है। ऐसा लगता है कि इस मामले में भी यही हुआ है।”  केरल में लगभग 17,000 वर्ग किमी क्षेत्र का अधिकांश भाग पश्चिमी घाट के पश्चिमी किनारे पर है, उसे भूस्खलन संभावित क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है।

केरल से और खबरें

तिरुवनंतपुरम स्थित राष्ट्रीय पृथ्वी केंद्र के पूर्व वैज्ञानिक जी. शंकर ने कहा- “हमें इन क्षेत्रों में भूमि उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाना होगा। खेती या अन्य गतिविधियों की इजाजत नहीं दी जा सकती। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इन गतिविधियों के कारण यह भूस्खलन हुआ है क्योंकि अभी भी आकलन करना बाकी है। लेकिन सामान्य तौर पर स्थानीय पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए आवश्यक नियमों को लागू नहीं किया गया है।'' 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

केरल से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें