मलयाली फ़िल्म इंडस्ट्री को अब 'मीटू' अभियान ने झकझोर दिया है। अभिनेत्री मीनू मुनीर ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्हें कई सह-कलाकारों से यौन दुराचार का सामना करना पड़ा। एक दिन पहले ही यौन दुराचार के आरोपों के बाद केरल राज्य चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष रंजीत और अभिनेता संघ के महासचिव सिद्दीकी ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। हेमा समिति की रिपोर्ट आने के बाद केरल में इस मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को सौंपे जाने के पाँच साल बाद 19 अगस्त को जारी की गई इस रिपोर्ट में फिल्म उद्योग में महिलाओं के शोषण, सत्ता के दुरुपयोग और लॉबिंग के मामलों के साथ व्यापक यौन उत्पीड़न के विस्फोटक विवरण सामने आए हैं।
बहरहाल, अभिनेत्री मुनीर ने मीडिया से बात करते हुए अभिनेता मुकेश, जयसूर्या, मनियानपिला राजू और एसोसिएशन ऑफ़ मलयालम मूवीज आर्टिस्ट्स यानी एएमएमए के एक प्रमुख नेता एडावेला बाबू का नाम लिया। मुकेश, जयसूर्या और बाबू ने मुनीर के दावों का जवाब नहीं दिया, राजू ने कहा कि वह आरोपों की जांच का स्वागत करते हैं।
मुनीर ने मीडिया से कहा, 'मैं राज्य पुलिस टीम के पास शिकायत दर्ज कराऊंगी, जिसे हेमा समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर सामने आए खुलासों की जांच करने के लिए नियुक्त किया गया था।' उन्होंने एक अभिनेता पर आरोप लगाया कि उसने कैलेंडर (2009) और नादकामे उलाकम (2011) की शूटिंग के दौरान एक होटल में उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की थी।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आरोप लगाया, 'वह कमरे में घुसा और मुझे बिस्तर पर खींच लिया और कहा कि मुझे उन लोगों पर विचार करना होगा जिन्हें बेहतर मौके पाने के लिए विचार किया जाना चाहिए। बाद में, मैं वहां से चली गई। इससे पहले, एक कार से यात्रा करते समय, (एक अन्य अभिनेता) ने मुझसे कहा कि वह अगली रात मेरे कमरे में आएगा। उसने भी रात में मेरे दरवाजे पर दस्तक दी थी।'
मीनू ने यह भी दावा किया कि 2013 में उन्होंने एएमएमए की सदस्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन यहाँ भी उनके साथ ग़लत किया गया।
बता दें कि फिल्म उद्योग में महिलाओं के शोषण, सत्ता के दुरुपयोग और लॉबिंग के मामलों के साथ यौन उत्पीड़न को लेकर हेमा कमेटी गठित की गई थी। 296 पन्नों की रिपोर्ट आखिरकार 19 अगस्त को सार्वजनिक की गई। इसमें इंडस्ट्री की कई महिलाओं की गवाही शामिल है। कुछ जगहों पर रिपोर्ट में महिलाओं की जगह लड़कियों का भी ज़िक्र है, जिससे पता चलता है कि नाबालिग भी यौन उत्पीड़न का शिकार हो सकती हैं।
विस्तृत रिपोर्ट में अपराधियों का नाम नहीं बताया गया है। इसमें कुछ समाधान भी दिए गए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार रिपोर्ट ने मलयालम सिनेमा की सबसे काली सच्चाई को उजागर किया, जिसके दुनिया भर में बहुत बड़े प्रशंसक हैं।
हेमा समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाएँ - जैसे चेंजिंग रूम और शौचालय - उपलब्ध नहीं कराए गए। लेकिन, जिस बात ने सभी को झकझोर दिया, वह थी यौन उत्पीड़न की कहानियाँ, एक शक्तिशाली लॉबी (जिसमें शीर्ष निर्देशक, निर्माता और तकनीशियन शामिल हैं) का अस्तित्व और अन्य मुद्दे। आरोप है कि अंतिम रिपोर्ट से कई पृष्ठ हटा दिए गए थे। इससे सवाल उठे हैं कि किसे बचाया जा रहा है।
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