लक्षद्वीप के क़ानूनी अधिकार क्षेत्र को केरल उच्च न्यायालय से कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के कथित प्रस्ताव का विवाद क्या है? लक्षद्वीप के क़ानूनी अधिकार क्षेत्र को स्थानांतरित करने संबंधी रिपोर्टों को प्रशासन ने तो सिरे से खारिज कर दिया है, लेकिन मीडिया में जो रिपोर्टें छपी हैं उसका आधार क्या है? एनसीपी के एक नेता और लोकसभा सदस्य ने भी इस तरह का आरोप क्यों लगाया। आख़िर इस मामले ने इतना तूल क्यों पकड़ा?
लक्षद्वीप का क़ानूनी अधिकार क्षेत्र कर्नाटक हाई कोर्ट करने की तैयारी?
- केरल
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- 21 Jun, 2021
लक्षद्वीप के क़ानूनी अधिकार क्षेत्र को केरल उच्च न्यायालय से कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर विवाद क्यों है? लक्षद्वीप के क़ानूनी अधिकार क्षेत्र को कर्नाटक हाई कोर्ट स्थानांतरित करने संबंधी इन रिपोर्टों को प्रशासन ने खारिज किया है।

ऐसा इसलिए कि लक्षद्वीप प्रशासन ने इन रिपोर्टों को भले ही खारिज कर दिया हो, लेकिन लक्षद्वीप के क़ानूनी अधिकार क्षेत्र को बदलने की यह ख़बर तब आई है जब लक्षद्वीप प्रशासन की नीतियों के ख़िलाफ़ केरल उच्च न्यायालय में कई मुक़दमे दायर किए गए हैं। लोग लक्षद्वीप प्रशासन की नीतियों का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। जिनका विरोध लोग कर रहे हैं उसमें कोरोना से जुड़े नियमों में संशोधन करना, 'गुंडा अधिनियम' की शुरुआत करना और सड़कों को चौड़ा करने के लिए मछुआरों की झोपड़ियों को ध्वस्त करना शामिल है।