मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद से अब तक 10 महिलाएँ सबरीमला स्थित भगवना अयप्पा के मंदिर में दाख़िल हो चुकी हैं। अंग्रेज़ी अख़बार 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' ने कहा है कि अलग-अलग समय 10 महिलाएँ सबरीमला के मंदिर के अंदर पहुँचने में कामयाब रही हैं। अख़बार का दावा है कि केरल पुलिस स्पेशल ब्रांच ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस के हवाले से कहा गया है कि बिंदु और कनकदुर्गा के मंदिर में घुसने से पहले ही एक जनवरी को मलेशिया की 3 महिलाएँ मंदिर में गई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस के पास इसका विडियो भी है। इससे पहले भी हिन्दुस्तान टाइम्स' ने आठ महिलाओं के मंदिर में घुसने की रिपोर्ट दी थी।हालाँकि पुलिस ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि मंदिर में घुसने वाली तीनों मलेशियाई महिलाएँ दर्शन कर पाई थीं या नहीं। पुलिस के पास तीनों महिलाओं के नाम और पता हैं। तीनों महिलाएँ मलेशिया में बसे तमिल समुदाय के 25 लोगों के दल के साथ यहाँ केरल में आई थीं।
अयप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के ख़िलाफ़ आंदोलन चलाने वाली सबरीमला कर्म समिति ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया है। उसका कहना है कि ऐसा नहीं हुआ है और केरल पुलिस जान बूझ कर ग़लत छवि पेश कर रही है ताकि और अधिक महिलाएँ मंदिर में जाने के लिए उत्साहित हों और इसकी कोशिश करें। समिति ने यह भी कहा है कि श्रीलंका की महिला शशिकला का मंदिर में जाना महज़ नाटक था।
यह दावा ऐसे समय किया गया है जब सबरीमला मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश के मुद्दे पर पूरे केरल में ज़बरदस्त आंदोलन चल रहा है, कई लोग मारे गए हैं। यहाँ तक कि एक विधायक और एक सांसद के घर पर भी बम फेंके गए। पूरे राज्य में अलग-अग जगहों पर झडपें अभी चल रही हैं।
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