बधाई हो! आज हम सभी को 'ज्ञान' मिला है कि कौरव स्टेम सेल और टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक से पैदा हुए थे। यह 'ज्ञान' दिया है जी. नागेश्वर राव ने। राव, आंध्र यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं और उन्होंने यह 'ज्ञान' भारतीय विज्ञान कांग्रेस के एक कार्यक्रम में दिया।
राव ने शुक्रवार को कहा कि भगवान राम के अस्त्र और शस्त्र और विष्णु का सुदर्शन चक्र, ये ऐसे हथियार थे, जो अपने लक्ष्य पर हमला करने के बाद वापस लौट आते थे। कुलपति के बयान को पढ़कर आप सोचिए कि वह अपनी यूनिवर्सिटी के बच्चों का कैसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करते होंगे। कुलपति ने 'ज्ञान' देना यहीं बंद नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि इससे यह बात साबित होती है कि मिसाइलों का विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है और यह हज़ारों साल पहले भी था।
कुलपति के अनुसार, रामायण में कहा गया है कि रावण के पास केवल पुष्पक विमान नहीं था बल्कि 24 अलग-अलग तरह के विमान थे और वह इन्हें अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल करता था।आगे सुनिए कुलपति जी का 'ज्ञान', उन्होंने कहा कि रावण के पास लंका में कई एयरपोर्ट थे। आया न मजा, कुलपति जी का 'ज्ञान' सुनकर।
गांधारी का दिया उदाहरण
जी. नागेश्वर राव ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से सवाल पूछा, ‘हर कोई हैरान होता है कि कोई माँ कैसे 100 बच्चों को जन्म दे सकती है। इस पर किसी को भी विश्वास नहीं होता कि गांधारी ने 100 बच्चों को जन्म दिया था। उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन अब हम इस बात को मानते हैं टेस्ट ट्यूब बेबी से बच्चे होते हैं। महाभारत में भी कहा गया है कि पहले 100 अंडों को निषेचित किया गया और उसके बाद 100 घड़ों में रखा गया’।
राव ने पूछा, ‘क्या वे टेस्ट ट्यूब से पैदा हुए बच्चे नहीं थे? हमारे देश में स्टेम सेल का शोध हजारों साल पहले से था और हम आज इस बारे में बात कर रहे हैं’। उन्होंने कहा कि स्टेम सेल शोध और टेस्ट ट्यूब तकनीक के कारण ही एक माँ से सैकड़ों कौरव पैदा हुए थे। राव ने कहा, ‘यह हजारों साल पहले हो चुका था और इसका मतलब यह हुआ कि इस देश में तब भी विज्ञान था।’
कुलपति का ‘ज्ञान’ तो आपने पढ़ लिया। अब सवाल यह है कि जब पहले से ही देश में इतने विकसित हथियार थे, जो लक्ष्य भेदकर वापस आ जाते थे तो आख़िर विदेशी आक्रांता भारत पर हमला कर इसे लूटने में कैसे सफल हो गए। क्योंकि यह बार-बार कहा जाता है कि विदेशी आक्रांता भारत को लूटते रहे हैं। और अगर विदेशी आक्रांताओं ने भारत को लूटा है, तो यह माना जाना चाहिए कि उनके पास हमसे ज़्यादा विकसित हथियार रहे होंगे।
नहीं मिला कभी कोई अवशेष
मार्च, 2017 में पुरातत्वविदों को राजस्थान और मध्य प्रदेश में शुतुरमुर्ग के अंडे के छिलके मिले थे। वैज्ञानिकों ने बताया था कि ये छिलके 25,000 साल पुराने थे। अब, फिर एक सवाल उठता है कि जब इतने पुराने अंडों के छिलके मिल सकते हैं तो पुरातत्वविदों को इन विकसित हथियारों का कोई तो अवशेष मिलना चाहिए। जैसा कुलपति ने कहा है कि रावण के पास कई विमान थे, एयरपोर्ट थे, लेकिन किसी भी खुदाई में उनका कोई अवशेष तक नहीं मिला।
अपनी राय बतायें