विश्व बैंक ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा है कि 2020 के कोरोना महामारी वर्ष में कुल 5.6 करोड़ भारतीय गरीबी में धकेल दिए गए। इसने थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई द्वारा तैयार किए गए एक घरेलू सर्वेक्षण के आँकड़ों का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट दी है। इसमें खास बात यह है कि इसने सीएमआईई के आँकड़ों पर भरोसा जताया है और कारण बताया है कि क्यों इसने किसी थिंक टैंक के आँकड़ों के हवाले से रिपोर्ट तैयार की है।
एक साल में ही 5.6 करोड़ भारतीय ग़रीबी में धकेल दिए गए: विश्व बैंक
- अर्थतंत्र
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- 6 Oct, 2022
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के पहले साल में यानी 2020 में कितने लोग ग़रीबी में धकेल दिए गए, इस पर अब एक पुख्ता रिपोर्ट सामने आई है। जानिए, इससे कितने लोग प्रभावित हुए।

विश्व बैंक ने कहा है कि सीएमआईई सर्वेक्षण के आँकड़ों का इस्तेमाल वैश्विक और क्षेत्रीय गरीबी अनुमानों में उस गैप को भरने के लिए किया गया था क्योंकि भारत ने 2011 से आधिकारिक आँकड़े प्रकाशित ही नहीं किए हैं।