तीसरी तिमाही की जीडीपी विकास दर ने फिर से निराश किया है। शुक्रवार को जारी आँकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था 2024-25 की तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। यह उम्मीद के अनुसार नहीं है। एक साल पहले इसी अवधि में यह दर 9.5 फ़ीसदी रही थी। तो क्या यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं? यदि स्थिति अच्छी है तो निर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन ख़राब क्यों है, विदेशी निवेशक भाग क्यों रहे हैं, शेयर बाज़ार धड़ाम क्यों गिर रहा है और कंपनियों का उत्पादन गिर क्यों रहा है?
उम्मीदों से कम क्यों रही तीसरी तिमाही की जीडीपी दर? जानें वजह
- अर्थतंत्र
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- 28 Feb, 2025
भारतीय अर्थव्यवस्था की तीसरी तिमाही जीडीपी ग्रोथ अनुमान से कम रही। गिरावट के पीछे की वजहें क्या हैं, और इसका भविष्य पर क्या असर पड़ेगा? जानें विस्तृत विश्लेषण।

इन सवालों का जवाब जानने से पहले जीडीपी की स्थिति को समझ लें। अक्टूबर-दिसंबर में जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर के आँकड़े उम्मीद के अनुसार इसलिए भी नहीं हैं क्योंकि केंद्रीय बैंक ने इसके 6.8% रहने का अनुमान लगाया था। आर्थिक विश्लेषक भी ज़्यादा की उम्मीद लगाए बैठे थे। रॉयटर्स पोल में विश्लेषकों ने इसके 6.3% रहने का अनुमान लगाया था। हालाँकि, थोड़ी राहत की ख़बर यह है कि मौजूदा विकास दर पिछली तिमाही से कुछ बेहतर है। पिछली तिमाही में यह दर 5.8% रही थी।