बढ़ती महंगाई ने भारत के आर्थिक विकास के पहिये पर ब्रेक लगाना शुरू कर दिया है। यह हाल में आए भारत सरकार के जीडीपी के आँकड़ों से भी पता चलता है और अब मौजूदा वित्त वर्ष के लिए विश्व बैंक के आर्थिक विकास के अनुमान से भी।
विश्व बैंक ने भारत का आर्थिक विकास अनुमान घटाकर 7.5% किया
- अर्थतंत्र
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- 7 Jun, 2022
बढ़ती महंगाई क्या भारत के आर्थिक विकास की गति को धीमी कर रही है? बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दों के बीच विश्व बैंक ने भारत के आर्थिक विकास अनुमान को आख़िर क्यों घटाया?

विश्व बैंक ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। यह दूसरी बार है जब विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद के विकास के अनुमान को संशोधित किया है। अप्रैल में इसने पूर्वानुमान को 8.7 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया था और अब यह 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। कहा जा रहा है कि यह पूर्वानुमान बढ़ती महंगाई, आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट और भू-राजनीतिक तनाव से आर्थिक गतिविधियों के सुधार पर असर पड़ने की वजह से है। समझा जा रहा था कि कोरोना महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्था तेज़ रफ़्तार पकड़ेगी, लेकिन बेकाबू होती महंगाई इस उम्मीद पर पानी फेरती नज़र आ रही है।