पिछले दिनों पांच राज्यों के चुनाव में वोटरों को लुभाने के तमाम तरीके अपनाये गये। लेकिन सबसे ज्यादा वादे खैरात के हुए। मुफ्त में जनता को काफी कुछ देने की घोषणाएं की गईं। पानी-बिजली, लैपटॉप, साइकलें, नकदी और भी काफी कुछ। पहले भी कई तरह की घोषणाएं होती रहीं और लोक सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने तो नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी की सिफारिश पर 8,000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की। एक पार्टी ने तो लड़कियों की शादी में मंगल सूत्र तो एक अन्य ने सोने के लॉकेट का वादा किया था। यानी सरकारी खजाने को लुटाने का पूरा इंतजाम रहा। नतीजा सामने है, सारे राज्य कर्ज में डूबे हुए हैं।