इस समय जो हम देश भर में देख रहे हैं वह एक दिन या एक साल में नहीं हुआ है। वर्षों से भीतर ही भीतर यह हो रहा था। आज़ादी के पहले अंग्रेजों ने ‘बांटो और शासन करो’ की नीति पर चलते हुए दोनों समुदायों के बीच गहरी खाई खोद दी जिसके नतीजे में विभाजन के समय 16 लाख बेगुनाह लोगों की जान चली गई। लेकिन उसके बाद लगा कि देश में सौहार्द्र की भावना आ गई है और दोनों समुदायों में वैमनस्य ख़त्म हो गया है। कुछ साल अच्छे बीते लेकिन फिर संकीर्ण राजनीति घुसने लगी।