यह बात देखने-सुनने में अजीब सी लग रही है कि अर्थव्यवस्था का आईना समझा जाने वाला शेयर बाज़ार इस समय छलांगें लगा रहा है जबकि जीडीपी की दर माइनस में जा रही है। ऐसी मंदी कभी देखी नहीं गई थी और 2021 में भी इसके सुधरने के आसार कम ही हैं। फिर भी ऐसा क्या हो गया कि पूरे कोरोना काल में शेयर बाज़ार ऊपर चढ़ता ही रहा?