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अंग्रेज़ी में एक कहावत है, ‘देअर इज नो फ्री लंच’! यानी खाना कभी मुफ्त में नहीं मिलता है। अब यह बात वाट्सऐप पर भी लागू हो रही है। आपने अब तक लाखों फ्री मैसेज का मजा लिया और न केवल गुड मॉर्निंग से दिन की शुरुआत की बल्कि हर उत्सव तथा नव वर्ष जैसे मौक़ों पर ग्रीटिंग्स की मुफ्त में बौछार की। कुछ लोगों को तो मैसेज भेजने का ऐसा नशा रहा कि वे दिन भर में कई सौ मैसेज फॉरवर्ड कर देते हैं।
लेकिन सोशल मीडिया का यह बड़ा माध्यम इसकी क़ीमत वसूलने की तैयारी कर रहा है। वह इस समय लोगों को मैसेज भेज रहा है कि वे उसकी नई शर्तों को मान ले। इन दिनों जब आप वाट्सऐप चैट खोलेंगे तो एक पॉप-अप आएगा जिसमें आपको कुछ शर्तें बताई जाएँगी और उन्हें मानने के लिए कहा जाएगा। अगर आप नहीं मानते हैं तो आपकी सर्विस 8 फ़रवरी से समाप्त।
अब तक वाट्सऐप की सेवा इनक्रिप्टेड थी यानी उसे कोई देख-पढ़ नहीं सकता था लेकिन उसकी नई पॉलिसी के बाद यह प्राइवेसी ख़त्म हो जाएगी और कंपनी के पास उसे इस्तेमाल का अधिकार होगा। पुरानी पॉलिसी में जहाँ यह कहा गया था कि वाट्सऐप बेहद मज़बूत प्राइवेसी पॉलिसी में यक़ीन रखता है लेकिन नई पॉलिसी में इसका कहीं कोई ज़िक्र नहीं है। यानी आपकी प्राइवेसी ख़तरे में है और आपके डेटा को कंपनी किसी को भी और कभी भी बेच सकती है।
दरअसल, यह सब फ़ेसबुक द्वारा वाट्सऐप के अधिग्रहण के बाद हुआ। फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग ने जब इसका अधिग्रहण किया तभी उनके दिमाग़ में इसके कमर्शियल इस्तेमाल की बात आ गई थी। इसके लिए उन्होंने फ़ेसबुक, वाट्सऐप और इंस्टाग्राम को इंटीग्रेट करने की बात कही थी। इससे उनके बिज़नेस का मॉडल पूरा हो जाएगा और तीनों मिलकर अच्छे पैसे बना सकते हैं। यह क़दम इसी दिशा में है।
ध्यान रहे कि मार्क ज़ुकरबर्ग की कुल संपत्ति 101 अरब डॉलर है और वे दुनिया के सबसे समृद्ध लोगों में हैं लेकिन इसके बावजूद और पैसे कमाने की उनकी चाहत कम नहीं हुई है।
आपके मैसेज डिलीट करने के बावजूद अब वाट्सऐप को आपके मैसेज पढ़ने की स्वतंत्रता होगी। इतना ही नहीं, वह आपके आईपी ऐड्रेस को भी फ़ेसबुक को दे देगा ताकि वह आपके प्रीफरेंसेंज को जानकर उससे संबंधित विज्ञापन आपको भेजे।
2018 में फ़ेसबुक ने भारत में विज्ञापनों से 2,233 करोड़ रुपए कमाए थे और उसे यहाँ पर संभावनाएँ दिख रही हैं। अब फ़ेसबुक एक नये बिज़नेस मॉडल पर काम कर रहा है जिसके तहत वह उन कंपनियों से पैसे लेगा जो वाट्सऐप कस्टमर से डील करते हैं।
यानी किसी भी तरह के व्यापारिक सौदे में फ़ेसबुक एक तयशुदा राशि वसूलेगा। अभी तक वाट्सऐप पर हर तरह के कमर्शियल लेन-देन फ्री हैं। इसके अलावा वाट्सऐप पर भी आपको तरह-तरह के विज्ञापन फ़ेसबुक के ज़रिये देखने को मिलेंगे जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निर्देशित होंगे और आपकी पसंद के अनुसार ही होंगे जैसा गूगल में हो रहा है।
यानी वाट्सऐप का पूरी तरह से व्यावसायीकरण होगा और आपकी प्राइवेसी का कोई महत्व नहीं रहेगा। आपसे जुड़े डेटा की कोई अहमियत नहीं रहेगी और कंपनी इसे अपनी किसी भी सहयोगी कंपनी से शेयर भी कर सकती है।
इसके अलावा अब वाट्सऐप आपके लोकेशन तथा आप कहाँ-कहाँ गए, वह सारी जानकारी प्राप्त कर इस्तेमाल कर सकता है। वह व्यापारिक प्रतिष्ठानों से सौदा करके आपको उस लोकेशन के कमर्शियल इलाक़ों का ऐड दिखा सकता है। वाट्सऐप बिज़नेस वह सर्विस है जो व्यापारियों को यूज़र से संपर्क करने देता है।
हाल के वर्षों में इसमें काफ़ी तेज़ी आई है और इसके पाँच करोड़ से भी ज़्यादा यूजर हैं। अब इसके तहत आपके किसी भी बिज़नेस से बातें करने पर दूसरी कंपनी आपके मैसेज को पढ़ सकती है। इसके लिए वह वाट्सऐप को निश्चित राशि प्रदान करेगी।
यही कारण था कि दुनियाभर में वाट्सऐप की नई पॉलिसी का विरोध शुरू हो गया। दुनिया के सबसे समृद्ध व्यक्ति टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने सात जनवरी को खुलेआम ट्वीट करके लोगों से आग्रह किया कि वह वाट्सऐप की बजाय सिग्नल नाम के सोशल मीडिया ऐप्प का इस्तेमाल करें। इस ट्वीट को थोड़े ही समय में पौने तीन लाख लोगों ने लाइक किया और लगभग 35 हज़ार ने रीट्वीट किया। इसके बाद सिग्नल में आने की भीड़ लग गई है जो जारी है।
यह जानकर आप हैरान होंगे कि भारत में 34 करोड़ लोग वाट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है।
वाट्सऐप के मैसेजों के जाल को समझने के लिए कुछ आँकड़े देखने होंगे। इस सोशल मीडिया का मैसेज प्रेषण के मामले में सारी दुनिया पर प्रभुत्व है। जहाँ 2017 में हर मिनट 2 करोड़ 90 लाख मैसेज प्रति मिनट भेजे जाते थे वहीं यह तादाद बढ़कर 2018 में हर दिन 65 अरब मैसेज भेजे जाने लगे और पिछले साल इसने 100 अरब का प्रभावी आँकड़ा पार कर लिया।
एक अंदाज़ा है कि 2020 की पहली तिमाही में हर दिन लगभग 70 करोड़ वीडियो कॉल किए गए। इन आँकड़ों को पेश करने के पीछे उद्देश्य सिर्फ़ यह बताना है कि कैसे वाट्सऐप मैसेज की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया।
वाट्सऐप के अलावा टेलीग्राम और सिग्नल भी है। जो कुछ सुविधाएँ आपको वाट्सऐप देता है वे सभी टेलीग्राम भी देता है। टेलीग्राम में पूरी सिक्योरिटी है और यह सेफ़ है। आपकी बातचीत सर्वर में नहीं जाती और इसलिए उसके शेयरिंग का सवाल नहीं उठता। इसमें भी हर अकाउंट के लिए पासवर्ड चेंज का ऑप्शन भी है।
दूसरी तरफ़ सिग्नल कोई डेटा कलेक्ट नहीं करता है। यह एक ख़ास तरह का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करता है जो मैसेज को कहीं बेहतर ढंग से इनक्रिप्ट करता है। इसकी सिक्योरिटी की प्रशंसा करते हुए वाट्सऐप के सह संस्थापक ब्रिएन ऐक्टन ने भी इसकी काफ़ी तारीफ़ की है। यह जिन कंपनियों द्वारा विकसित किया गया है वे नॉन प्रॉफ़िट कंपनियाँ हैं और यह बात उसके पक्ष में जाती है।
ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी ने भी इस ऐप्प की सिफ़ारिश की और उसके बाद यह तेज़ी से पॉपुलर हुआ। फ़िलहाल एक करोड़ लोगों ने इसे एंड्रॉयड पर डाउनलोड किया है। यह वीडियो और वॉयस कॉल दोनों की सुविधा देता है। दिलचस्प बात यह है कि इसे विकसित करने के लिए फंड डोनेशन और ग्रांट से आए थे।
ज़ाहिर है कि वाट्सऐप के विकल्प उपलब्ध हैं पर चूँकि वाट्सऐप अब आदत में शुमार हो गया है और इसी का फ़ायदा फ़ेसबुक उठाना चाहता है।
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