चौथे दौर के मतदान के प्रारम्भिक आँकड़े पिछले चुनाव से नीचे ही हैं, लेकिन इस बार का अंतर पहले दो दौर जैसा नहीं रहा। अब चुनाव आयोग अंतिम आँकड़े के नाम पर कौन सा मतदान प्रतिशत दिखाता है, इस पर सबका ध्यान है लेकिन शेयर बाजार में वैसी बेचैनी नहीं है जैसी पहले दो दौर के मतदान के बाद दिखी थी। यह बेचैनी चौथे दौर तक खत्म नहीं हुई है लेकिन अब बाजार में लाखों करोड़ की पूंजी टूटने की खबर नहीं आ रही है।