चौथे दौर के मतदान के प्रारम्भिक आँकड़े पिछले चुनाव से नीचे ही हैं, लेकिन इस बार का अंतर पहले दो दौर जैसा नहीं रहा। अब चुनाव आयोग अंतिम आँकड़े के नाम पर कौन सा मतदान प्रतिशत दिखाता है, इस पर सबका ध्यान है लेकिन शेयर बाजार में वैसी बेचैनी नहीं है जैसी पहले दो दौर के मतदान के बाद दिखी थी। यह बेचैनी चौथे दौर तक खत्म नहीं हुई है लेकिन अब बाजार में लाखों करोड़ की पूंजी टूटने की खबर नहीं आ रही है।
शेयर बाजार को किस बात का डर है?
- अर्थतंत्र
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- 29 Mar, 2025

क्या लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है और इसका असर शेयर बाज़ार पर पड़ रहा है? क्या चुनाव की अनिश्चितता का भय शेयर बाज़ार को लग रहा है?
मई के पाँच ट्रेडिंग दिनों में ही निवेशकों के पंद्रह लाख करोड़ रुपए डूब जाने का हिसाब लगाया जा रहा था। वैसे, यह हिसाब मायावी भी है और वास्तविक भी लेकिन अर्थव्यवस्था और आर्थिक प्रशासन के प्रति आर्थिक मामलों में समाज के सबसे सचेत जमात के नज़रिया को बताता है और आर्थिक विकास की दिशा भी दिखाता है। इस हफ्ते की शुरुआत में गिरावट का सिलसिला थम गया था लेकिन बाजार का भरोसा लौट नहीं रहा था। सोमवार को बाजार का भय या अस्थिरता मापने वाला सूचकांक वीआईएक्स हजार अंक ऊपर था जिसे 19 महीनों का उच्चतम माना गया। अगले दिन बाजार दो सौ अंक चढ़कर खुला भी लेकिन भय खत्म नहीं हो रहा है।