सरकारी एजेंसी सेंट्रल स्टैटिस्टिकल ऑफ़िस ने सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर का जो आँकड़ा दिया है, क्या वह सही या वास्तविक वृद्धि उससे भी कम हुई है? शुक्रवार को इस एजेंसी ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही यानी जुलाई-सितंबर के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही। इस पर काफ़ी हाय-तौबा मची है और लोगों ने सरकार को यह कह कर आड़े हाथों लिया है कि बीते 5 साल के मोदी शासन में आर्थिक स्थिति चौपट हो गई है, जिसे रोकने में सरकार नाकाम है।
निजी क्षेत्र की जीडीपी वृद्धि दर सिर्फ़ 3.05%, तो क्या खोखला है सरकारी दावा?
- अर्थतंत्र
- |
- 2 Dec, 2019
सरकार जो 4.5 प्रतिशत जीडीपी वृद्ध दर के दावे कर रही है, वह भी खोखला है, क्योंकि इसका बड़ा हिस्सा जिस निजी क्षेत्र से आता है, उसकी विकास दर 3.05 प्रतिशत ही है।
