देश की आर्थिक स्थिति को लेकर पहले जिस तरह का अनुमान लगाया गया था, उस तरह की स्थिति नहीं दिखती है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ ने 2022-23 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया है। ताज़ा अनुमान सरकार के 8-8.5 प्रतिशत की वृद्धि के पहले के पूर्वानुमान की तुलना में बहुत कम है। पिछले वित्त वर्ष में यह जीडीपी वृद्धि दर 8.7 फ़ीसदी रही थी। तो क्या वैश्विक मंदी का असर भारत पर भी बुरा पड़ रहा है? आख़िर किस वजह से जीडीपी वृद्धि दर में यह गिरावट आने का अनुमान है?
जीडीपी वृद्धि 7% तक गिरने का अनुमान; भारत पिछड़ेगा?
- अर्थतंत्र
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- 6 Jan, 2023
क्या भारत की जीडीपी वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली नहीं होगी? आख़िर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय का आँकड़ा क्या अनुमान बताता है?

एनएसओ के आँकड़ों से पता चलता है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र के ख़राब प्रदर्शन से जीडीपी पर असर पड़ रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनएसओ ने विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में वित्त वर्ष 2022 में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले 1.6 प्रतिशत रहने की भविष्यवाणी की है।