देश की आर्थिक स्थिति को लेकर पहले जिस तरह का अनुमान लगाया गया था, उस तरह की स्थिति नहीं दिखती है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ ने 2022-23 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया है। ताज़ा अनुमान सरकार के 8-8.5 प्रतिशत की वृद्धि के पहले के पूर्वानुमान की तुलना में बहुत कम है। पिछले वित्त वर्ष में यह जीडीपी वृद्धि दर 8.7 फ़ीसदी रही थी। तो क्या वैश्विक मंदी का असर भारत पर भी बुरा पड़ रहा है? आख़िर किस वजह से जीडीपी वृद्धि दर में यह गिरावट आने का अनुमान है?