देश की अर्थव्यवस्था सिकुड़ने जा रही है। वजह है ‘एक्ट ऑफ़ गॉड’! अगर हम ग़लत न समझ रहे हों तो वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कोरोना महामारी को ही ‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ कहा है। इस हिसाब से इसे हिन्दी में ‘दैवी आपदा’ भी बोल सकते हैं। यह तथ्य बिल्कुल सत्य है कि कोरोना की महामारी भी है और अर्थव्यवस्था पर उसका बुरा असर भी। मगर, यह अधूरा सच है। ऐसा कहकर बीते छह सालों में लगातार गिरती अर्थव्यवस्था के वाजिब कारणों को पहचाने से भी बचने की कोशिश कर रही है केंद्र सरकार। तो क्या ‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ के नाम पर ‘एक्ट ऑफ़ गवर्नमेंट’ या फिर कह लें ‘एक्ट ऑफ़ लॉर्ड’ की कारगुजारियों पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है?
वित्त मंत्री जी, अर्थव्यवस्था की दुर्दशा ‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ नहीं, 'एक्ट ऑफ़ सरकार' है!
- अर्थतंत्र
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- 2 Sep, 2020

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कोरोना महामारी को ही ‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ कहा है। ऐसा कहकर बीते छह सालों में लगातार गिरती अर्थव्यवस्था के वाजिब कारणों को पहचाने से भी बचने की कोशिश कर रही है केंद्र सरकार।
2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तब देश की इकॉनोमी 2 ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी थी, मगर दिसंबर 2019 में दावा और एलान कर दिए जाने के बावजूद आज तक देश की इकॉनोमी 3 ट्रिलियन डॉलर की नहीं हो सकी है। वित्तमंत्री के हिसाब से अब तो ‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ भोग रहा है देश। लिहाज़ा यह मुकाम भी अब दूर की कौड़ी हो गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 ट्रिलियन इकॉनोमी का जो सपना दिखाते रहे हैं उसकी बात तो ना ही करें तो बेहतर होगा।