बाजार में हाहाकार है। बाजार मतलब सिर्फ शेयर और पूंजी बाजार नहीं, करेंसी बाजार और सामान्य बाजार भी। यह बात जोर शोर से प्रचारित की जा रही है कि खुदरा मूल्य सूचकांक गिरा है और चार महीने के न्यूनतम स्तर पर आ गया है लेकिन वह अभी भी 5.2 फीसदी जैसे ख़तरनाक़ स्तर से ऊपर है और यह बात रिज़र्व बैंक भी मानता है। बल्कि इसके चलते वह बैंक दरों में हेरफेर करने से बच रहा है। पर अभी तत्काल बड़ी चिंता शेयर बाज़ार में कोहराम से है।