भारत की खुदरा महंगाई फरवरी के महीने में बढ़कर 6.07 प्रतिशत हो गई है। यह जनवरी महीने में 6.01 फ़ीसदी से ज़्यादा है। जनवरी महीने की मुद्रस्फीति पिछले छह महीने में सबसे ज़्यादा थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस महंगाई को 6 प्रतिशत की सीमा के अंदर रखने का लक्ष्य रखा है। यानी मौजूदा महंगाई की दर ख़तरे के निशान को पार कर गई है।
खुदरा महंगाई बढ़कर 6.07 फ़ीसदी हुई, थोक मुद्रास्फीति भी बढ़ी
- अर्थतंत्र
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- सत्य ब्यूरो
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- 14 Mar, 2022
थोक मुद्रास्फीति के बाद अब खुदरा महंगाई के आँकड़े भी आ गए हैं। जानिए, रिजर्व बैंक द्वारा तय सीमा से भी कितनी ज़्यादा महंगाई हो गई है।

आज ही थोक महंगाई का आँकड़ा भी आया है और यह भी बढ़ी हुई है। आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ अब महंगाई और भी बढ़ने की आशंका जता रहे हैं। ऐसा इसलिए कि एक तो यूक्रेन रूस युद्ध का असर है और डीजल-पेट्रोल भी महंगा होने के आसार हैं।