क्या यूरोप में आर्थिक तंगी की वजह बड़ी-बड़ी कंपनियाँ और उनकी मुनाफाखोरी है? आईएमएफ़ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जो कारण बताया है वह बेहद चिंताजनक है। इसने मोटे तौर पर यह कहा है कि यूरोप में जो महंगाई बढ़ी है उसमें इन कंपनियों की मुनाफाखोरी का सीधा-सीधा हाथ है।
कंपनियों की मुनाफ़ाख़ोरी ने डुबाया यूरोप की अर्थव्यवस्था को: आईएमएफ
- अर्थतंत्र
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- 27 Jun, 2023
यूरोप की अर्थव्यवस्था की स्थिति डाँवाडोल क्यों है? क्यों कुछ देशों में तकनीकी तौर पर आर्थिक मंदी आ गई है? क्या वहाँ की कंपनियों की भी वैसी ही स्थिति है या फिर वे मालामाल हैं?

आईएमएफ़ ने कहा है कि पिछले दो वर्षों में यूरोप की महंगाई यानी मुद्रास्फीति में लगभग आधी वृद्धि के लिए कॉर्पोरेट मुनाफ़े का बढ़ना जिम्मेदार है। इसने कहा है कि इन बड़ी-बड़ी कंपनियों ने आयातित ऊर्जा की लागत में वृद्धि की तुलना में बेचने वाली कीमतों में अधिक वृद्धि की है। अब जबकि कर्मचारी महंगाई से पार पाने के लिए वेतन बढ़ोतरी पर जोर दे रहे हैं और मुद्रास्फीति को 2025 में यूरोपीय सेंट्रल बैंक के 2 प्रतिशत के लक्ष्य तक पहुँचना है तो कंपनियों को मुनाफा का एक छोटा हिस्सा ही लेना पड़ सकता है।