कहावत है कि चौबे गये छब्बे बनने दुबे बनकर लौटे। अरबपति गौतम अडानी पर यह बात पूरी तरह लागू हो रही है। गौतम अडानी के पास अवसर था कि वह मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन जाते। लेकिन, हुआ यह कि वे झोंग शानशान से भी पीछे होकर तीसरे नंबर पर पहुँच गये। कहानी पूरी तरह फ़िल्मी लगती है लेकिन है हक़ीक़त।
गौतम अडानी का सपना टूटा: चौबे गये छब्बे बनने दुबे बनकर लौटे
- अर्थतंत्र
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- 19 Jun, 2021

गौतम अडानी के पास अवसर था कि वह मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन जाते। लेकिन, हुआ यह कि वे झोंग शानशान से भी पीछे होकर तीसरे नंबर पर पहुँच गये।
अरबपति गौतम अडानी एशिया के सबसे बड़े दौलतमंद होने की ओर बढ़ रहे थे। उम्मीद की जा रही थी कि 24 जून को अपने जन्मदिन के मौक़े तक वे इस उपलब्धि को हासिल कर लेंगे। लेकिन, जन्मदिन से ठीक 10 दिन पहले 14 जून से अडानी समूह के स्वामित्व वाली कंपनियों के शेयरों ने ऐसा गोता लगाना शुरू किया कि गौतम अडानी के पैरों तले मानो ज़मीन ही खिसक गयी। 17 जून आते-आते 13 अरब डॉलर हाथ से ऐसे निकल गये जैसे मुट्ठी से रेत। जाहिर है एशिया में सबसे बड़े रईस होने का गौतम अडानी का ख्वाब पूरा होते-होते रह गया है। एक सपना टूटा है या दूर हुआ है। अडानी दूसरे स्थान से खिसककर तीसरे स्थान पर जा पहुँचे हैं।