केंद्र सरकार महामारी से मौत पर मुआवज़ा देने को तैयार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा है कि उसके पास इतनी रकम नहीं है। लेकिन, क्या यह सच है? क्या सचमुच कोविड महामारी से हुई मौत का मुआवजा बांटने से देश का आपदा कोष खाली हो जाएगा? क्या देश के पास रकम नहीं है? क्या देश मुआवजे के लिए रकम जुटा नहीं सकता? इन सवालों के उत्तर दिए जा सकते हैं लेकिन सबसे पहले हिसाब लगाते हैं कि मुआवजे के लिए कितनी रकम चाहिए जो सरकार के पास नहीं है।
भीख मांगो, उधार लो, चोरी करो पर महामारी में मौत का मुआवजा दो
- विचार
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- 22 Jun, 2021

अगर सिर्फ बची हुई रकम का इस्तेमाल मोदी सरकार कर लेती है तो मुआवजे की जरूरत वाली रकम तकरीबन पूरी हो जाती है। जो रकम खर्च नहीं कर पा रही हो, उसका सदुपयोग अगर मुआवजे में होता है तो इसमें संकोच क्यों?
160 अरब की ज़रूरत
देश में अब तक 3.89 लाख लोगों की मौत कोविड महामारी से हो चुकी है। अगर इस आंकड़े को 4 लाख मानकर हरेक के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजे का हिसाब लगाएं तो यह रकम होती है 160 अरब रुपये या 0.16 ट्रिलियन रुपये। यही वो रकम है जो सरकार के पास नहीं है। सरकार का कहना है कि अगर उसने यह रकम खर्च कर दी तो उसका आपदा कोष खाली हो जाएगा।