लोक सभा चुनाव के ठीक पहले पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से काफी कुछ उम्मीदें थीं। कहा तो यहां तक जा रहा था कि वह अपनी तिजोरी खोलेंगी जिसमें कई वर्षों के बाद अतिरिक्त धन आया है और वोट देने वाले सेगमेंट पर धन की वर्षा करेंगी। मसलन वह किसानों के लिए कई कदम उठाएंगी। मिडल क्लास जो इस सरकार का सबसे बड़ा समर्थक रहा है उस पर काफी कुछ खर्च करेंगी। वह कुछ टैक्सों में कटौती भी करेंगी। लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिखा और बस बात वहीं तक रह गई। उन्होंने इनकम टैक्स की दरों में कमी भी की, नये स्लैब की घोषणा भी की लेकिन नई व्यवस्था के करदाताओं के लिए।