संसद स्थगित हो गई । एक महीने के बाद फिर बैठेगी । लेकिन ये सत्र अड़ानी मसले पर सरकार और विपक्ष के बीच घमासान के तौर पर याद रखा जायेगा । एक सवाल क्या विपक्ष को बोलने भी नहीं दिया जायेगा ? क्यों राहुल और खडगे के भाषण के अंश को हटाया गया ? तो क्या सरकार और विपक्षों बीच पूरी तरह से संबंध विच्छेद हो गया है और क्या ये लोकतंत्र के लिये सही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में गौतम लाहिड़ी, विनय तिवारी,
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