क्या सत्ताधारी बीजेपी और उससे जुड़ी संस्थाओं की कोई स्पष्ट अर्थनीति नहीं है? क्या वे इस पर बुरी तरह कंफ़्यूज़्ड हैं और किसी को कुछ पता नहीं कि देश या सरकार की क्या नीति होनी चाहिए? क्या राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व की अपनी अलग और संकीर्ण व्याख्या करने वाला आएसएस अर्थनीति से जुड़े फ़ैसले भी उसी चश्मे से देख कर करता है?
अब पाँचजन्य ने एमेज़ॉन पर हमला बोला, बताया ईस्ट इंडिया कंपनी
- अर्थतंत्र
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- 27 Sep, 2021
इन्फ़ोसिस को 'टुकड़े टुकड़े गैंग' का बताने के बाद पांचजन्य ने एमेज़ॉन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की है। क्या है मामला?

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि बड़े पैमाने पर निजीकरण की मुहिम चलाने वाली और मुनाफ़ा कमा रही कंपनियों को भी बेचने में लगी सरकार चलाने वाली बीजेपी की मातृ संस्था आरएसएस से जुड़े पत्र बड़ी कंपनियों का ज़ोरदार विरोध करने लगे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के कथित मुखपत्र 'पाँचजन्य' ने एक बार फिर वाणिज्यिक मुद्दे पर लेख प्रकाशित किया है, जिसमें उसने एक कंपनी को निशाने पर लिया है।