मामला क्या है ?
दरअसल, 22 सितंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने दादरी के मिहिर भोज डिग्री कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया । लेकिन अनावरण से पहले शिलापट्ट पर लिखे 'गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज' पर 'गुर्जर' शब्द पर किसी ने कालिख पोत दी।इससे पहले पोस्टरों और बैनरों से भी गुर्जर शब्द हटाया गया। जिसके बाद गुर्जर समाज इसके विरोध में उतर आया। गुर्जरों ने सड़क पर लगे पोस्टरों और बैनरों को फाड़ दिया। आक्रोशित भीड़ ने जमकर हंगामा किया और दादरी विधायक तेजपाल नागर के खिलाफ भी नारेबाजी की।
महापंचायत पर प्रशासन का एक्शन
सम्राट मिहिर भोज के सामने से गुर्जर शब्द हटाने के बाद गुस्साए गुर्जरों ने 26 सितंबर को दादरी के मिहिर भोज डिग्री कॉलेज में महापंचायत बुलाई । हालांकि प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बाद गुर्जर समाज के लोगों ने दादरी के चिटहेड़ा गांव स्थित शिवमंदिर में महापंचायत की। महापंचायत को लेकर पहले से तैयार पुलिस प्रशासन ने इसपर बड़ा एक्शन ले लिया।महापंचायत: गुर्जर समाज के बीजेपी नेता भी पहुंचे
इस महापंचायत में भाग लेने के लिए मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना भी पहुंचे थे। बाद में पुलिस ने उनको हिरासत में भी लिया और कुछ देर बाद रिहा भी कर दिया। इसके अलावा मेरठ के बीजेपी नेता मुखिया गुर्जर ने भी पहुंचकर बग़ावत का ऐलान किया।“
मैं गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करता हूं और महापंचायत में जाकर अपनी बात रखना चाहता था। लेकिन पुलिस प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार हमारा दमन कर रही है और हमारी आवाज को दबाना चाहती है। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
अवतार सिंह भड़ाना, विधायक
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सम्राट मिहिर भोज के नाम से गुर्जर शब्द हटाकर गुर्जरों का अपमान किया गया है। जब तक सरकार इस अपमान के लिए माफी नहीं मांगती और वापस से सम्राट मिहिर भोज के आगे गुर्जर शब्द नहीं लिखती तब तक गुर्जर चैन से नहीं बैठेंगे।
मुखिया गुर्जर
महापंचायत : माफी नहीं मांगी तो बहिष्कार
महापंचायत में गुर्जर समाज ने कहा कि एक सप्ताह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर और विधायक तेजपाल नागर समाज से माफी मांगे। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ गुर्जर समाज यात्रा निकलेगा। साथ ही बीजेपी के नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा। गुर्जर अपने समाज से ही आने वाले क्षेत्रीय विधायक तेजपाल नागर और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर से भी नाराज़ है और उनके भी सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी दी है।अखिलेश और मायावती ने भी चला दांव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश यादव और मायावती ने भी गुर्जरों के गुस्से को भुनाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है-ये इतिहास में पढ़ाया जाता रहा है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर-प्रतिहार थे पर भाजपाइयों ने उनकी जाति ही बदल दी है। निंदनीय!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 26, 2021
छलवश भाजपा स्थापित ऐतिहासिक तथ्यों से जान-बूझकर छेड़छाड़ व सामाजिक विघटन करके किसी एक पक्ष को अपनी तरफ़ करती रही है।
हम हर समाज के मान-सम्मान के साथ हैं! pic.twitter.com/Zw9ifKpDg5
1. अभी हाल ही में दिनांक 22 सितम्बर 2021 को गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की दादरी में यू.पी. सरकार द्वारा लगाई गई प्रतिमा का मा. मुख्यमंत्री ने गुर्जर शब्द के हटी हुई स्थिति में जो उसका अनावरण किया है उससे गुर्जर समाज की भावनाओं को जबरदस्त ठेस पहुँची है तथा वे काफी दुःखी व आहत हैं।
— Mayawati (@Mayawati) September 26, 2021
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गुर्जर समाज के इतिहास के साथ ऐसी छेड़छाड़ करना अति-निन्दनीय तथा सरकार इसके लिए माफी माँगे व साथ ही प्रतिमा में इस शब्द को तुरन्त जुड़वाये, बी.एस.पी. की यह माँग।
मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री
योगी के भाषण पर भी गुस्साए गुर्जर
22 सितंबर को सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण के दौरान योगी आदित्यनाथ ने जो भाषण दिया गुर्जर समाज उससे भी गुस्साया हुआ है। उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने एक बार भी सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर नहीं कहा।गुर्जर देवसेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनील गुर्जर ने कहा कि हमारा समाज बीजेपी के साथ रहा है। लेकिन अगर हमारे समाज का ऐसे अपमान किया जाएगा तो हम उनका बहिष्कार करेंगे। इस मामले में समाज एकजुट है।
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