भारतीय मार्केट रेगुलेटर सेबी 15 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अडानी मामले की जानकारी दे सकता है। अडानी समूह 2.5 बिलियन डॉलर का फॉलो-ऑन पब्लिक इश्यू (एफपीओ) लाया था। उसके बाद हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आई और अडानी ग्रुप के शेयर धड़ाम हो गए। अडानी ने ओवर सब्सक्राइब हुए एफपीओ को इसके बावजूद वापस ले लिया। सेबी ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि वो इस मामले की जांच कर रहा है। हालांकि तमाम राजनीतिक दल सेबी से स्पष्ट बयान की उम्मीद कर रहे थे।