बीएसएनएल के चतुर्थ श्रेणी के संविदा कर्मचारी रामकृष्णन की ख़ुदकशी से इस कंपनी की स्थिति के बारे में तो पता चलता ही है, पूरे दूरसंचार सेक्टर के बारे में जानकारी मिल जाती है। रामकृष्णन को  10 महीनों से मानदेय नहीं मिल रहा था, वह बेहद परेशान थे और अंत में उन्होंने दफ़्तर में गले में फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली।