बीएसएनएल के चतुर्थ श्रेणी के संविदा कर्मचारी रामकृष्णन की ख़ुदकशी से इस कंपनी की स्थिति के बारे में तो पता चलता ही है, पूरे दूरसंचार सेक्टर के बारे में जानकारी मिल जाती है। रामकृष्णन को 10 महीनों से मानदेय नहीं मिल रहा था, वह बेहद परेशान थे और अंत में उन्होंने दफ़्तर में गले में फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली।
दूरसंचार क्षेत्र की हालत बुरी, 1 लाख कर्मचारियों की नौकरी ख़तरे में
- अर्थतंत्र
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- 13 Nov, 2019

बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय से भी इन कंपनियों के कर्मचारियों की स्थिति सुधरने को नहीं है। एक लाख लोगों की नौकरी ख़तरे में हे, पूरा दूरसंचार उद्योग की स्थिति ही बुरी है।