बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय से भी इन कंपनियों के कर्मचारियों की स्थिति सुधरने को नहीं है। एक लाख लोगों की नौकरी ख़तरे में हे, पूरा दूरसंचार उद्योग की स्थिति ही बुरी है।
बीएसएनएल में आर्थिक तंगी इतनी बढ़ गयी है कि 1.76 लाख कर्मचारियों को फ़रवरी का वेतन तक नहीं मिला है। कंपनी के 18 साल के इतिहास में पहली बार है कि यह समय पर वेतन देने में असमर्थ है।